- जितना अध्ययन करते हैं, उतना ही हमें अपने अज्ञान का आभास होता जाता है | ~ स्वामी विवेकानंद
- जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता | ~स्वामी विवेकानंद
- वह नास्तिक है, जो अपने आप में विश्वास नहीं रखता | ~ स्वामी विवेकानंद
- “Where can we go to find God if we cannot see Him in our own hearts and in every living being?” – Swami Vivekananda
- “हम ईश्वर को कहाँ पा सकते हैं अगर हम उसे अपने आप में और अन्य जीवों में नहीं देखते?” – स्वामीविवेकानंद Read More »
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